भारत अभी तक ब्यूरो
शिमला। बागवानी में प्राकृतिक खेती पर चल रहे शोधकार्य का जायजा लेने के लिए बागवानी सचिव सी पालरासू ने शुक्रवार को नौणी विश्वविद्यालय के मशोबरा स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का दौरा किया। इस दौरान नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. ऊषा शर्मा ने प्राकृतिक खेती पर हो रहे शोधकार्य के बारे में बागवानी सचिव को विस्तार से जानकारी दी।
नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चंदेल ने कहा कि इस साल की विपरीत परिस्थितियां किसान-बागवानों के हित में नहीं थी। मगर यह हर्ष का विषय है कि ऐसी परिस्थितियों में भी प्राकृतिक खेती करने वाले किसान-बागवान बेहतर फसल लेने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान-बागवान अपने स्तर पर भी परीक्षण करता रहता है। ऐसे में वह अपने सफल अनुभवों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ साझा करे ताकि उसपर भी शोधकार्य किया जा सके।
बागवानी सचिव सी पालरासू ने अनुसंधान केंद्र में प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे शोधकार्य पर खुशी जताई और विश्वविद्यालय के प्रयासों को सराहा। उन्होंने भविष्य में भी प्राकृतिक खेती पर शोधकार्य को जारी रखने का निर्देश दिया। कार्यक्रम के दौरान शिमला जिला के 24 प्रगतिशील बागवानों ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने बागवानी सचिव को प्राकृतिक खेती की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक, कृषि डॉ. रविंदर सिंह जसरोटिया, नौणी विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान, डॉ. संजीव चौहान, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. दिनेश ठाकुर, कृषि उपनिदेशक, डॉ. मोहिंदर भवानी, राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई तथा जिला आतमा टीम शिमला के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।