केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में FPO विषय पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी-2023 का उद्घाटन किया और साथ ही PACS द्वारा 1100 नए FPOs के गठन की कार्य योजना का विमोचन किया
भारत अभी तक ब्यूरो दिल्ली।आदिवासी जिलों में भी 922 FPO बने हैं जो वन उपज के लिए FPO का काम करते हैं। इससे मालूम होता है कितनी बारीकियों के साथ नरेन्द्र मोदी सरकार और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि आज गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब ने FPO के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि हमें फिर से युवाओं में इस बात को प्रस्थापित करना है कि कृषि फायदे का व्यापार है,इसे आधुनिक तरीके से करने की जरूरत है और मार्केटिंग की व्यवस्था करनी है। उन्होंने कहा कि अगर यह आत्मविश्वास देश के 12 करोड़ किसानों में भर देते हैं तो कृषि उपज तो बढ़ेगी ही, जीडीपी में हमारा योगदान भी बढ़ेगा और साथ ही यह 12 करोड किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और देश को भी आत्मनिर्भर बनाएंगे। शाह ने कहा कि मोदी ने इसके लिए कई काम किए हैं और अब कोऑपरेटिव FPO के माध्यम से मोदी सरकार किसान को व्यापारी और उद्योजक बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बजट आवंटन में लगभग 5.6 गुना वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में 21000 करोड रूपए का बजट था, जो आज मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 में 1.15 लाख करोड रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले संयुक्त बजट 21000 करोड़ रूपए था, आज 4 विभागों में से सिर्फ कृषि मंत्रालय का बजट 1.15 लाख करोड़ रूपए हो गया है और यह बताता है कि देश के प्रधानमंत्री और उनके नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता कृषि है।
अमित शाह ने कहा कि 2013-14 में देश में 265 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ था और 2022-23 में 324 मिलियन हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ किसान एमएसपी की बात करना चाहते हैं, इस पर कहीं पर भी चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है। शाह ने कहा कि धान की एमएसपी में 10 साल में 55% और गेहूं की एमएसपी में 51% की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार आजादी के बाद पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों के लिए लागत से कम से कम 50% अधिक मुनाफा तय किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धान की खरीदमें 88% की वृद्धि की है, यानी, लगभग डबल धान खरीदा है और गेहूं की खरीद में दो तिहाई, यानी, 72% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 251 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है और लाभार्थियों की संख्या लगभग 2 गुना हो गई है। उन्होंने कहा कि यही बताता है मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कितना काम किया है। इसके साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया, सिंचाई में 72 लाख हेक्टेयर का माइक्रो इरिगेशन कर 60 लाख किसानों को कवर किया,सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया,राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया,24 हजार करोड़ का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया, कृषि यंत्रीकरण का कोष बनाया और ई-नाम के माध्यम से लगभग 1260 मंडियों को जोड़ने का काम भी नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है और अब उसका फायदा किसान तक पहुंचे इसके लिए सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव के मंत्र के अनुसार जो पसीना बहाता है, मुनाफा उसी के पास जाता है और यह काम सहकारिता मंत्रालय ने किया है।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में मोदी सरकार ने कई काम किए हैं। PACS के मॉडल बायलॉज बनाए जिन्हें 26 राज्यों ने स्वीकार कर लिया है। अब PACS डेयरी भी बन पाएंगे, मछुआरा समिति भी बन पाएंगे, पेट्रोल पंप चला पाएंगे, गैस की एजेंसी भी चला सकेंगे, CSC भी बन पाएंगे, सस्ती दवाई की दुकान भी चला सकेंगे, सस्ते अनाज की दुकान भी चला सकेंगे, भंडारण का भी काम करेंगे, गांव की हर घर जल की समिति में जल व्यवस्थापन में भी कमर्शियल काम कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि ऐसा कर मोदी सरकार ने 22 अलग-अलग कामों को PACS के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि जब तक PACS मजबूत नहीं होता, APACS कभी मजबूत नहीं हो सकता। FPO, PACS और सेल्फ हेल्प ग्रुप एक-दूसरे के पूरक बनेंगे, तो आने वाले दिनों में ग्रामीण विकास और कृषि विकास का एक नया युग शुरू होगा।